BLOG

पाली के बारे में जानिए

pali

Pali Jila Darshan–

→ प्राचीन नाम- पल्किनगरी, पारा नगर, चेपावती

→ अन्य स्थानो के उपनाम-

मारवाड़ का अमृत सरोवर – जवाई बांध

खंभो का नगर – रणकपुर

Pali District Area- 12,387km²

Pali District

Pali District Tahsil map-

Pali (पाली) District Jila Darshan

पाली
Pali Jila Darshan–
→ प्राचीन नाम- पल्किनगरी, पारा नगर, चेपावती
→ अन्य स्थानो के उपनाम-
मारवाड़ का अमृत सरोवर – जवाई बांध
खंभो का नगर – रणकपुर
Pali District Area- 12,387km²
Pali District Tahsil map-

परिचय

प्राचीन समय में यह क्षेत्र अर्बुद प्रदेश का भाग था।
यहां पर रामायण व महाभारत कालीन अवशेष मौजुद है।
चीनी यात्री हेनसांग के भारत भ्रमण के दौरान पाली को गुर्जर प्रदेश के रूप में जाना जाता था।
वर्ष 1681 से 1687 के मध्य यह क्षेत्र राष्ट्रकुट राठौड़ो की राजधानी रहा है।
आउवा के ठाकुर कुशाल सिंह काविद्रोह इतिहास मे अमर गाथा के रूप में जाना जाता है।
नाडौल/पाली के चौहानवंश का संस्थापक लक्ष्मणदेव चौहानथा।
नाडौल का प्रथम प्रतापी शासक कृति पाल चौहान था।
यह सर्वाधिक 8 जिलो से सीमा छुने वाला जिला है।
यहां के खादरा गांव मे सातरंग का मार्बल मिलता है।
मार्च अप्रेल मे यहां खांगड़ी मेला लगता है।
फालना मे 1990 में बना जैन स्वर्ण मंदिर है जिसे गेटवे ऑफ गोडवल व मिनी मुंबई भी कहते है।
2011 में यहां पर सर्वाधिक ग्रामीण लिंगानुपात 1003 है।
पश्च्मि राजस्थान के 100 से ज्यादा छोटे बड़े बांध पाली में है जिनमे क्षेत्र का सबसे बड़ा बांध जवाई बांध व सरदारसंमद बांध है।
स्थान विशेष
गिरि-सुमेल – यहां पर 1544 में प्रषाह व मालदेव के बीच जैतारण जिसे सुमेल का युद्ध कहते है हुआ था।
आउवा – 1857 में यह स्थान क्रान्ति का प्रमुख स्थल था। यहां पूर्व सांसद औंकार सिंह लखावत द्वारा सत्याग्रह उद्यान का निर्माण करवाया गया
नाडोल- यह चौहानवंश की प्राचीन शाखा होने के साथ-साथ जैनियो का प्रसिद्ध स्थल है।
निम्बो का नाथ-

  1. यह महादेव का भव्य मंदिर है।
  2. कहा जाता है कि यहां पर पाण्डवो की माता कुंती शिव पुजा किया करती थी।
  3. पाण्डवो ने यहां पर नवदुर्गा की स्थापना की और बावड़ी भी बनवाई।
  4. इस स्थान पर वर वर्ष में दो बार भव्य मेला लगता है।
Pali District



देसुरी- यह स्थान सोनाणा खेतला जी के मेले के कारण जाना जाता है।
घानेराव- यहां पर प्रसिद्ध मुंछला महावीर जी का मंदिर है।

सादड़ी- यहां पर सुर्य मंदिर को टेम्पल टाउन के रूप मे विकसित किया जा रहा है। यही पर परशुराम गुफा व खुदा बक्स बाबा की दरगाह है।
रणकपुर-

  1. 15वीं सदी के जैन मंदिर यहां पर है।
  2. यहां पर मुख्य आकर्षण का केन्द्र 1444 खंभो का मंदिर है जिसे नालिनी गुल्म विमान, त्रैलोक्य दीपक प्रसाद व त्रिभुवन विहार कहते है।
  3. यह मथाई नदी के किनारे स्थित है।
  4. इस चौमुखा जैन मंदिर का निर्माण धारणकशाह ने करवाया था।
  5. इसका प्रमुख शिल्पी देपा था।
Pali District


गौतमेश्वर- यहां पर सुकड़ी नदी के किनारे मीणा जनजाति के इष्टदेव भूरिया बाबा का मंदिर है। सुकड़ी नदी में मीणा समुदाय के लोग अपने पूर्वजो का अस्थि विसर्जन करते है। पादराला गांव- यहां का तेरहाताली नृत्य देश विदेश में विख्यात है।
केरला- सैयद पीर दुलेशाह की मजार यहां पर है। इन्हे चौटिला पीर भी कहते है।
जवाई बांध- इसका निर्माण इंजिनीयर एडगर व फर्ग्युसन के निर्देशन में हुआ

सिरियारी– जैन श्वेतांबर तेरापंथीयो का यह प्रमुख धार्मिक आस्था का स्थल है।
भद्रावन– थोरियम खनिज क्षेत्र
नानाकराव– टंगस्टन खनिज क्षेत्र
पंचतीर्थ- जिले के पांच तीर्थस्थलो का समुह वरकाणा, नारलाई, नाडोल, मुंछाला महावीर व रणकपुर
सोमनाथ मंदिर- गुजरात के राजा कुमारपाल सौलंकी द्वारा 1209 में निर्मित मंदिर

नारलाई – यह स्थान गोड़वाड़ के पांच तीर्थो मे से एक तीर्थ है। यहां जैनियो के 11 मंदिर है।
बिरांटिया- यहां पर रामदेवजी का मंदिर बना है। यहां रामदेवरा के बाद दुसरा सबसे बड़ा मेला लगता है।

आशापुरा माताजी– ये चौहानो की कुलदेवी है। लाखनसिंह चौहान ने 1009 में इसे बनवाया।
खिरची मारवाड़– यहां पर बायोमॉस संयंत्र है।
👉 अन्य मुख्य स्थल- बादशाह का झंडा, नारलाई जैन मंदिर, गिरनार तीर्थ, राता महावीर का जैन मंदिर व सांडेराव का शांतिनाथ जिनालय आदि ।
👉नदियों किनारे बसे नगर-
सुमेरपुरजवाई नदी
बाली – मित्री नदी
➡ एरनपुरा – जवाई नदी
➡ सोजत – सूकड़ी नदी
➡ रणकपुर – मंथाई नदी
आर.टी.डी.सी. होटल – पणिहारी व शिल्पी
आखेट निषिद्ध क्षेत्रजवाई बांध

Pali District



👉 कृषि विशेष-
➡ मेहन्दी मण्डी व सोनामुखी मण्डी- सोजत
➡ सर्वाधिक क्षेत्रफल वाली फसले- मेहन्दी व तिल
➡ सर्वाधिक उत्पादन वाली फसले- मेहन्दी, तिल व खरबुजा
👉 उद्योग- यहां पर महाराजा उम्मेद सिंह मिल्स लि. सुती वस्त्र मिल है।
👉 खनिज- जिप्सम, कैल्साइट, क्वार्ट्ज व वोल्स्टोनाइट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *